Thursday, March 6, 2014

Letter-2: सो जा, सरीना सो जा, निंदिया देवी अति दुलारी ;


Lullaby (लोरी):Letter-2


सो जा, सरीना सो जा, निंदिया देवी अति दुलारी 






सो जा, सरीना सो जा, निंदिया देवी अति दुलारी 
      
वो लाती मीठे मीठे स्वप्ने, सो जा, मेरी रानी सो जा
  
कनैया बोला सो जा रानी, तुजे जाना परियोके देश
     
खिलौने अच्छे अच्छे मिलते, नाच गान की मज़ा मज़ा

राधा बोली सो ना नहीं, अभी तो सूरज ढला कहा  

आज वृन्द्रावन मे रास मेरा, गोपी संग झूमेंगे कनैया

वृन्द्रावन के पक्षियों बोले, अभी तो बाकि है गुनगुनाना

रंगीन बादलों भरे गगनमे, पंछी का गाना तो बनता है

पोपट बोले “पोपट मित्थू”, कोयल बोली कू, कू, कू, कू,

झूम झूम के चिड़िया बोली, ची ची ची ची, ची ची ची ची 
  
तितली रानी गुनगुनाई, “तित, तित, ती”,“तित, तित, ती” 

बात बात मे सो गई, मेरी नन्नी गुड़िया रानी

तुजे देखना है परीओका नाच, सो जा, सरीना सो जा

निंदमे देखि तुझे जो हसती, रह गये हम तो हक्का बक्का

   


रचनाकार : रमेश गोहिल, March 1, 2004